☘हिंदी मेरा अभिमान☘
☘हिंदी मेरा अभिमान☘
हिंदी भाषा है माँ सरीखे,
हिंदी से ही हिंदुस्तान है,
हिंदी ही आधार हमारा,
हिंदी से सकल सम्मान है।
जन्मे हिन्दुस्तान में हम,
है हिंदी मेरी पहचान।
सब भाषाओं का आदर करूं,
पर बसे हिंदी में मेरे प्राण।
तुलसी, नानक,सूर,जायसी,
भारतेंदु,निराला,प्रसाद और पन्त।
हिंदी भाषा के अनमोल रत्न,
रखा हमारी संस्कृति को जीवंत।
पर जाने अन्जाने कुछ लोगों ने,
किया इस भाषा का अपमान
अंग्रेज़ी न आए तो शान गई,
हिंदी भूले तो किया अभिमान ।
मेरी कलम को हिंदी का आशीष मिले,
हिंदी सरल,सुगम,आसान,
हिंदी है अस्तित्व हमारा,
हिंदी से ही राष्ट्र सम्मान।
