हिन्दी कविता- सुधर के दिखाओ |
हिन्दी कविता- सुधर के दिखाओ |
घर मेरा जलाने चले, घर अपना बचा के दिखाओ
खा के मार ना भूलो सर अपना बचा के दिखाओ ।
बेकसूर मासूमों का खून बहाने से क्या फायदा
मर्द बनके सामने आओ बच के दिखाओ ।
छुप छुप करते वार क्यों कायरों की तरह ,
एक बार वार मेरा सह के गर तुम दिखाओ।
ड्राइवर मजदूरों ब्यापरियों ज़ोर ना आजमाना
जरा इस्लामाबाद बलुचिस्तान बचा के दिखाओ ।
आ रहा अमनो चैन अब हमारे भारत देश में
दिल ना जला आवाम आपनी पाल के दिखाओ ।
हमसे जो छिना छल से अब बचा ना पाएगा
लेके रहेंगे पी ओ के हिम्मत है बचा के दिखाओ ।
हम क्या मारेंगे तुझे तेरे ही मार डालेंगे
खिलाफत सैलाब तुम रोक के दिखाओ ।
हुआ जो हाल ओसामा बगदादी याद रखना
होगा बुरा हाल तेरे आकाओं बचाके दिखाओ
प्रेम, शांति ,मन ,चैन के दूत हम तुम्हें आता नहीं
सलाह भारती की गर हो सको सुधर के दिखाओ ।