हिंदी है भारत माता के माथे की बिन्दी
हिंदी है भारत माता के माथे की बिन्दी
मेरा मान है हिन्दी
मेरा गौरव है हिन्दी
मेरा अस्तित्व है हिन्दी
मेरा अभिमान है हिन्दी
भावों का उद्गार है हिन्दी
प्रेम की अमृत धारा है हिन्दी
भारत माता के माथे की बिन्दी है हिन्दी
बोलियाँ हैं अनेक हिन्दी की
पद गाये मीरा ने ब्रज भाषा में
दोहे उच्चारे कबीर ने सधुक्कडी में
चौपाइयाँ लिखी तुलसी ने अवधी में
प्रियप्रवास लिखा हरिऔध ने खडी बोली में
परिपूर्ण भाषा है हिन्दी
सामर्थ्य असीम हिन्दी की
जन जागृति का गान है हिन्दी
हर भारतीय का गौरव मान है हिन्दी
संग्राम और ज्ञान-विज्ञान की भाषा है हिन्दी
खो रही चमक बिन्दी की
मिट रही पहचान हिन्दी की
हो रही कोशिश इसे मिटाने की
अपनों से बिछुड बेहाल, हिन्दी खडी बैसाखियों पर
दूर खडी मेरी हिन्दी उदास, माँगे हम सबका साथ
आओ हम सब प्रण करें, भाल की बिन्दी सँवारेंगे
हिन्दी ही अपनाएंगे, बिन्दी का मान बढाएंगे।