माँ की परिभाषा क्या ?
माँ की परिभाषा क्या ?
माँ की
माँ की परिभाषा क्या ?
माँ, माँ,
माँ की परिभाषा क्या ?
क्या वह स्नेह, प्यार है ?
क्या वह सुकून, शान्ति है ?
क्या वह विश्वास, भरोसा है ?
माँ को न करो कैद, घर की चार दीवारी में
माँ को न करो सीमित, किसी परिभाषा में
माँ को न करो मर्यादित, किसी बंधन में
माँ को न बांधो, बडॆ बडॆ शब्दों में
माँ को रहने दो आज़ाद, बंधनों से
सांस लेने दो उसे भी मुक्त हवा में
ईश्वर कहकर, न सहने दो उसे हर दुख
जीने दो उसको भी खुलकर औरों के संग
मनजीत कौर
हुबली
कर्नाटक
परिभाषा क्या ?
माँ, माँ,
माँ की परिभाषा क्या ?
क्या वह स्नेह, प्यार है ?
क्या वह सुकून, शान्ति है ?
क्या वह विश्वास, भरोसा है ?
माँ को न करो कैद, घर की चार दीवारी में
माँ को न करो सीमित, किसी परिभाषा में
माँ को न करो मर्यादित, किसी बंधन में
माँ को न बांधो, बडॆ बडॆ शब्दों में
माँ को रहने दो आज़ाद, बंधनों से
सांस लेने दो उसे भी मुक्त हवा में
ईश्वर कहकर, न सहने दो उसे हर दुख
जीने दो उसको भी खुलकर औरों के संग।