हिम्मत कर आगे बढ़
हिम्मत कर आगे बढ़
तेरी अपनी मंज़िल , तेरे अपने रास्ते
कई कर्ज चुकाने बाकी है,कई फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं ,
थक के ना बैठ मुसाफ़िर
अभी जीवन में कई मुकाम आने बाकी हैं।
चले जा , गाये जा, गुनगुनाए जा
क्या सीखा तूने, क्या सिखाया तूने?
इसको ध्यान में रख ,
अपना हौसला बढ़ाए जा,,,
चिंगारी भी उठेगी, अंगारे भी सुलगेगें,
बस अपने भीतर आग लगाना बाकी है,
थक कर ना बैठ मुसाफ़िर
अभी जीवन में कई मुकाम आने बाकी हैं।
क्या हुआ तेरे साथ, उसमें तेरा न कोई हाथ,
पर क्या आगे होगा तेरे साथ ,इस सब में बस तेरा हाथ,,
उठ जाग जा ,कर्म कर
रोने से लगता कुछ नहीं हाथ ,
सोच बदल, खुद बदलेगा , राह बदलेगी
तेरी जिंदगी की हर सुबह - शाम फिर बदलेगी,
थक कर ना बैठ मुसाफ़िर,
अभी जीवन में कई मुकाम आने बाकी हैं।।
हार - जीत तो बस होती रहती,
मरना भी एक दिन है,
बस मरने से पहले कुछ तो कर
किसी और के लिए नहीं,बस अपने सपनों के लिए चल,,
चले चल ,चले चल
क्योंकि,
तेरी अपनी मंज़िल, तेरे अपने रास्ते
कई कर्ज चुकाने बाकी हैं, कई फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं,
थक कर ना बैठ मुसाफ़िर,
अभी जीवन में कई मुकाम आने बाकी हैं।।
