हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
लिया लक्ष्य ऊंची उड़ान का,
नापें क्यों कद आसमान का।
भर के हौसलों की हम उड़ान,
पा लेंगे एक दिन नया विहान।
हौसले होते जीवन का दर्पण,
पाता वही लक्ष्य करे स्वअर्पण।
पंख टूटने पर भी न है लाचारी,
हौंसला के दम पे तिनका भारी।
मुकाबला संघर्ष से क्या करें शूल,
चींटी शक्कर पावे,गज सिर धूल।
उड़ान केवल पंखों से नहीं होती,
दृढ़ हौसली उड़ान लक्ष्य है पाती।
