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Utkarshini Singh

Abstract Inspirational Children

4.5  

Utkarshini Singh

Abstract Inspirational Children

है हिन्दुस्तान की आशा, हिन्दी मेरी मातृभाषा

है हिन्दुस्तान की आशा, हिन्दी मेरी मातृभाषा

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है हिन्दुस्तान आशा,

हिन्दी मेरी मातृभाषा


जग में मेरी पहचान बनाती,

उँच-नीच का फ़र्क हटाती।

भाषा नहीं केवल हिन्दुस्तान की,

परिभाषा है इंसानियत की यही।

है हिंदुस्तान की आशा, 

हिन्दी मेरी मातृभाषा।


एकता की सीख है यह देती,

हमको एक अच्छा इनसान हैं बनाती।

आधे अक्षर को देने सहारा,

पुरा अक्षर है तैनात हमारा।

है हिंदुस्तान की आशा,

हिन्दी मेरी मातृभाषा।


हिन्दी की कभी करती नहीं शर्मिन्दा,

रखती है हिन्दुस्तान की संस्कृति को जिन्दा।

हर अड़चन को पार कर बन गई मातृभाषा हिन्दी,

उठ गया शिश गर्व से देख हिन्दी की बिंदी।

है हिंदुस्तान को आशा,

हिन्दी मेरी मातृभाषा।


जीने का इसने एक नया दायरा है सिखाया 

एक नए अंदाज में इसने दुनिया को है दिखलाया।

हिन्दी की बिन्दी को भूलना ना कभी, 

सभ्यता और समानता का प्रतीक है यही।

है हिंदुस्तान की आशा,

हिन्दी मेरी मातृभाषा।


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