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Mamta Singh Devaa

Inspirational Children

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Mamta Singh Devaa

Inspirational Children

' हाय ! वो स्कूल का टिफिन '

' हाय ! वो स्कूल का टिफिन '

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मुझे फिर से स्कूल जाकर टिफिन है करना

अम्माँ के हाथ का पराठा भिंडी की सब्ज़ी

वो लज़ीज प्याज़ और गोभी का पराठा अचार

जिसमें अम्माँ भर - भर कर डालती थी प्यार


याद नही कभी भी हम ब्रैड ले जाते थे

पढ़ाई पर कम ज्यादा ध्यान टिफिन पर

भाई का टिफिन दोस्तों को इतना भाता

रिसेस से पहले ही टिफिन गायब हो जाता


स्कूल के टिफिन का एक अपना ही आनंद

सबके टिफिन का स्वाद अलग - अलग

रिसेस की घंटी पर ही कान लगे रहते

घंटी बजते ही सबके टिफिन झट खुलते


होमवर्क से ज्यादा टिफिन की ही चिंता होती

कल के टिफिन का मेनू पहले से ही बता देते

ऐसा स्वाद टिफिन का आज तक नही आया

अम्माँ के हाथों में मैने अन्नपूर्णा को पाया


आज भी वो सारे स्वाद जीव्हा पर है मेरे

यादों में सपनों में स्कूल का टिफिन ही रहता है

अरे ! समय के चक्र का पहिया कोई तो घुमाओ

वापस से मुझे टिफिन करने स्कूल पहुँचाओ।


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