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Ranjana Mathur

Inspirational

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Ranjana Mathur

Inspirational

हाथों की लकीरें

हाथों की लकीरें

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धुन है पक्की

लगन है सच्ची

तो क्या है हाथों की लकीरें

मेहनत वो ताकत जो बदल कर

रख देती है तकदीरें

जिसके दिल में है लगन

और है खुुद पर भरोसा

उसने न कभी भी

अपने हाथों की लकीरों को कोसा

राहें तभी निकलेंगी

कदम तुम आगे जब बढ़ाओगे

जहाँ होगी चाह

वहाँ राह को भी तुम पाओगे

कुछ भी न है असंभव

गर बुलन्दी हौसलों में हो

संकल्प रखो पक्के और

दृृृढ़ता फैसलों में हो

मिटेंगे दुख की लकीरें

और बनेंंगी नई रेखाएं

बाजुओं में यदि है दम

तो महक उठेंगी फिज़ाएं

इच्छा शक्ति से तोड़ो अब

अंधविश्वास की ज़ंजीरें

निज श्रम के बूते से बनाओ

हाथों पर तुम नई लकीरें


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