हार जीत
हार जीत
मैं हार कर बैठा तो लगा मेरी जीत है
फिर मालूम हुआ हार ही मेरा मीत है।
दुनिया को रिझाने वाला ये गीत है
ये हार नहीं कमबख्त जीत की प्रीत है।
जीत कर बैठा तो लगा ये मेरी हार है
कहाँ सिमित जीत का संसार है।
दुनिया को रिझाने वाला तैयार है
मेरा गीत नहीं वो मेहनत का सार है।
