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Ruby Prasad

Inspirational

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Ruby Prasad

Inspirational

हाँ, मैं एक नारी हूँ

हाँ, मैं एक नारी हूँ

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हाँ मैं एक नारी हूँ, मैं सब संभाल लेती हूँ,

हर मुश्किल से मैं खुद को उबार लेती हूँ।


नहीं मिलता है मुझे वक्त घर गृहस्थी से,

फिर भी अपने लिए वक्त निकाल लेती हूँ।


टूटी हुई होती हूँ अन्दर से कई बार ही मैं,

पर सबकी खुशी के लिए मुस्कुरा लेती हूँ।


गलत ना होके भी ठहराई जाती हूँ गलत मैं,

घर की शांति के लिए मैं चुप्पी साध लेती हूँ।


सच्चाई के लिए लड़ती हूँ सदा मैं सबके लिए,

अपनों को जिताने के लिए हार मान लेती हूँ।


व्यस्त हैं सब प्यार का कभी इजहार नहीं करते,

पर मैं फिर भी सबके दिल की बात जान लेती हूँ।


उफ कहीं नजर ना लग जाये मेरी अपनी ही,

इसलिए पति-बच्चों की नजर उतार लेती हूँ।


उठती नहीं है जिम्मेदारियाँ मुझसे कभी-कभी ,

पर फिर भी बिन उफ किये सब संभाल लेती हूँ।


बहुत थक जाती हूँ कभी-कभी जिम्मेदारियों से,

पति के कंधें पर सर रख थकान उतार लेती हूँ।


नहीं सहा जाता जब हद से ज्यादा दर्द व खुशियाँ,

तब अपनी भावनाओं को कागज पर उतार लेती हूँ।


कभी कभी खाली लगता हैं अपने भीतर कुछ,

तब घर के हर कोने में खुद को तलाश लेती हूँ।


खुश हूँ मैं कि मैं किसी को कुछ दे सकती हूँ,

जीवनसाथी के संग संग चल सपने सँवार लेती हूँ।


हाँ, मैं एक नारी हूँ,मैं सब संभाल लेती हूँ,

अपनों की खुशियों के लिए सब कुछ वार देती हूँ।


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