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Rajesh Kumar Verma "mirdul"

Inspirational Others

3.8  

Rajesh Kumar Verma "mirdul"

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हाँ मैं एक नारी ही हूँ

हाँ मैं एक नारी ही हूँ

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मैं एक नारी हूं नारी ईश्वर हूँ,

मैं शक्ति हूं स्वरूपा हूँ,

सृष्टि की रचनाकारी हूँ,

मैं ही आदि हूं मैं अंत हूँ,

मैं इस जगत में अनंत हूँ।


मैं नारी हूंँ नारायणी हूँ,

मुरलीधर की राधा हूँ,

मैं मीरा हूंँ झांसी भी हूँ,

मैं शक्ति की स्वरूपा हूँ,

मैं बलिदान की गाथा हूँ।


मैं नारी हूंँ नारीत्व हूँ,

मैं त्याग की स्वरूप हूँ,

स्नेह प्यार की मूरत हूँ,

मैं माता हूं ममता भी हूँ,

मैं ही कूल दिव्य ज्योति हूँ।


मैं नारी हूं श्रृंगार भी हूंँ,

मैं प्रेम रस की विधा हूंँ,

तब भी मैं प्रताड़ित हूंँ

मैं विबस व लाचारी हूँ,

दहेज की बलिवेदी पर,

मर मिटती अबला नारी हूँ।


हां मैं एक नारी हूं नारी ही हूँ,

मां बहन बेटी की रूप हूंँ,

रोज जलती हूँ मिटती हूँ,

सबो से शोषित होती हूंँ,

फिर भी इस जग पे वारी हूंँ,

हां मैं नारी हूं नारी हूं नारी हूं...


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