हाँ, मैं बच्ची हूँ
हाँ, मैं बच्ची हूँ
हाँ, मैं बच्ची हूँ,
कोमल सी काया हूँ,
माँ-बाप की माया हूँ,
भाई से मिला प्यार हूँ,
अब्बू का दुलार हूँ।
छोटी हूँ मैं निर्बल हूँ,
पर खुद में मैं सबल हूँ,
अक्ल में थोड़ी कच्ची हूँ,
पर दिल से मैं सच्ची हूँ।
हाँ मैं बच्ची हूँ।
हाँ, थोड़ी सी नादान हूँ,
और दुनियाँ से अंजान हूँ,
मत छुओ ऐसे, मुझ में जान है,
शायद आप भी इंसान है ?
मैं उस रब की लावण्या हूँ,
नवरात्री वाली कन्या हूँ,
आठ साल की बच्ची हूँ,
हैवानीयत की ख़ुद साक्षी हूँ।
हाँ, मैं बच्ची हूँ ।।
