गुरुग्राम के सहारा मॉल पर
गुरुग्राम के सहारा मॉल पर
गुड़गांव के सहारा माल पर
वो फिर मिल गये नये साल पर
चीथड़े पहने वो चार गरीब बच्चे
क्यों मुझे लगते हैं एकदम सच्चे
वैसा ही था उनका हाल
जहां हमने छोड़ा सा पिछले साल
जयपुर रोड पर टोल के करीब
जब मना रहे थे न्यू year ईव
हमने उन्हें बर्तन धोने से रोका
बाल श्रम कानून के तहत
ढाबा मालिक को जेल में फेंका
एक दूसरे की पीठ को थपथपाया
देखो बच्चों को छुड़ाया
पर ये बदतमीज नहीं गये स्कूल
नये साल पर बेच रहे हैं फूल
उन्होंने भी पहचान लिया
और घेर लिया
हमने गुस्सा कर मुंह फेर लिया
स्कूल तुम लोग क्यों नहीं गये
क्या इसीलिये थे छुड़ाये गये
वो मुस्कराकर बोला
नहीं ये पहली बार
लोगों ने हमें छुड़ाया है कई बार
कभी मजदूरी से कभी ढाबे से
कार की सफाई से और
हर नये साल से
आज भी तुम बंद करा दोगे हमें
फूल बेचते इस माल से
पढ़ाई तब होती है
जब पेट भरा हो
वो १२ साल का बच्चा स्कूल नहीं जाता
जो घर का मर्द सबसे बड़ा हो
अगर वास्तव में चाहते हो हमें पढ़ाना
तो छोड़ दो कानून बनाना
पहले हमारे घर में रोटी लाना
हमारी आबरू को बचाना
फिर स्कूल भेजना और पढ़ाना
तब नया साल हमारे साथ मनाना
हैपी न्यू इयर