गुरु जी
गुरु जी




गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु,गुरु ही है महेश्वरः
गुरु बिन न ज्ञान है, गुरु से न कोई जीत सका
आपने ही मुझे दिखलाया ज्ञान का सवेरा
इस ज्ञान से हुआ दूर मेरे भ्रम का अंधेरा
आपने ही मुझ को चलना सिखाया
पापी संसार से मुझे आपने बचाया
आपके चरणों में है तीनों लोकों का बसेरा
आपने ही....
ज्ञान आपसे है पाया, मेरा पथ है दिखाया
मुझे धर्म-कर्म का बोध है कराया
मेरे अवगुणों को मुझसे दूर है कराया
आप में मैंने पाया है ईश्वर का बसेरा
आपने ही...
आप से ही मेरे मन का विश्वास दृढ है
आपसे ही मेरा हर काम सफल है
इस ज्ञान के पुंज को जलाकर
मुझ में फैला दिया है ज्ञान का उजाला
आपने ही मुझे दिखलाया ज्ञान का सवेरा