गुनगुनाकर क्या करें ?
गुनगुनाकर क्या करें ?
बोलो मेरे हमसफ़र हम,
गुनगुना कर क्या करें ?
राह मेरी छोड़ दी,
पलकें बिछाकर क्या करें ?
सारा जहां छोड़ा था हमने,
सिर्फ तेरे वास्ते ।
तूने भुलाया इस कदर,
सपने सजाकर क्या करें ?
बोलो मेरे हमसफ़र
सीख लेते हम भी हँसकर,
के बिताना जिंदगी।
जिंदगी जो रूठती,
आंसू बहाकर क्या करें ?
हम भी गिने जाते सनम,
शायरों के साथ में।
जब शायरी मुँह मोड़ ली,
मुस्कुराकर क्या करें ?
बोलो मेरे हमसफ़र
गायकों की महफिलों का,
एक सितारा खो गया।
बेसुरे हम भी हुए,
गजलें सुनाकर क्या करें ?
खुशनसीबों का मसीहा,
कह रहे थे सब हमें।
लिखने लगे दास्तान दिल की,
दुखड़े सुनाकर क्या करें ?
बोलो मेरे हमसफ़र