★सदके हुआ जाता है दिल★
★सदके हुआ जाता है दिल★
सिर्फ इतनी बात पर ,
सदके हुआ जाता है दिल।
जिससे मिल जाती हैं नजरें,
उससे मिल जाता है दिल।
इश्क की दरिया में देखो,
अब बहा जाता है दिल।
तैरती जाती है नजरें ,
डूबता जाता है दिल।
इश्क की माशूक़ पर ,
जब भी पड़ती है नजर।
आंखें करती हैं खता ,
जख्मी हुआ जाता है दिल।
नूर पर तेरी मुझे,
मजबूर हो कहना पड़ा।
अब तो आ जाओ मेरे ,
टुकड़े हुआ जाता है दिल।
इश्क की गलियों में हम,
आगे को बढ़ते ही गए ।
ढूंढा तुम्हें पाया न गर,
तो पागल हो जाता है दिल।
आए जो तुम तो हुआ क्या,
दुनिया से नफरत हो गई।
तुम गए तो देखना फिर ,
घायल हो जाता है दिल ।
इश्क से मिलकर कहूं तो ,
मैंने पाया है जहां।
इश्क जो रूठा तो ,
सीने से निकल आता है दिल।
मिली तुमसे नजरें तो ,
जन्नत की खुशियां देख गई ।
तुमने जो पलकों को ढंका,
तो अंधा हो जाता है दिल।
तुमने जो मिलने को कहा,
गुलशन मेरे खिलने लगे।
तेरी एक मुस्कान पर ,
हंसता ही जाता है दिल ।
तू गर चलने की सोचे तो,
फिजाओं में है गम छाता ।
मिल करके तू गया तो फिर ,
रोता ही जाता है दिल ।
सिर्फ इतनी बात पर ,
सदके हुआ जाता है दिल।
जिससे मिल जाती हैं नजरें,
उससे मिल जाता है दिल।