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Harishankar Shukla

Romance

3  

Harishankar Shukla

Romance

मगर क्या करें?

मगर क्या करें?

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जब से तुम से मिले ,जाने कैसा हुआ?

हम भुलाना तो चाहे, मगर क्या करें?


देखें बस एक झलक, तुमसे नज़रें मिली।

हम हटाना तो चाहे, मगर क्या करें?


देखते रह गये, फिर भी कुछ ना कहे।

बोलना कुछ तो चाहे, मगर क्या करें?


तुम जो बैठे तो महफिल, गजल बन गई।

उठ के आना न चाहे, मगर क्या करें?


मिले तुमसे जो हम, तुमसे दिल मिल गया।

हम लगाना ना चाहे, मगर क्या करें? 


हम तो चलने लगे, फिर भी दिल रुक गया।

रोकना खुद को चाहे, मगर क्या करें?


तुमसे मिलकर गए, फिर न भूले कभी।

फिर से मिलना तो चाहे, मगर क्या करें?


तुम गये भी अगर, छोड़कर बीच में।

साथ हम देना चाहें, मगर क्या करें?


चाहू फिर आओ तुम, फिर नहीं जाओ तुम।

हम हैं ऐसे दीवाने, मगर क्या करें?

      


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