लिखने लगे दास्तान दिल की, दुखड़े सुनाकर क्या करें ? बोलो मेरे हमसफ़र लिखने लगे दास्तान दिल की, दुखड़े सुनाकर क्या करें ? बोलो मेरे हमसफ़र
तुम मजनू मत बन अब उसकी इज्ज़त को लाँघकर। तुम मजनू मत बन अब उसकी इज्ज़त को लाँघकर।