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Ajay Amitabh Suman

Drama Tragedy

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Ajay Amitabh Suman

Drama Tragedy

गुनाह

गुनाह

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इस बात से शिकायत नहीं करता है मुझसे,

मैं था मौजूद और उनको टोका नहीं।


इस बात की शिकायत गिनाता है मुझसे,

जुर्म वो करते रहे और मैंने टोका नहीं।


मेरे टोकने का असर होता या ना होता,

गुनाह मेरा ये कि उनको रोका नहीं।


मेरा होना ना होना मुद्दा नहीं था कोई,

नाराजगी कि इस कदर जुर्म होता नहीं।


मैं बच न पाया खुद भी खुद की नजर में,

अफ़सोस कि जमीर मेरा सोता नहीं।


जुर्म होने के वक़्त मैं जो जगा होता,

शर्मिंदगी में खुद को यूँ खोता नहीं।


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