गुलाम थी
गुलाम थी
वह अकेली रात सड़कों से नहीं चल सकती,
उसके मन में यौन शोषण के डर के बिना,
खुद से डरते हुए सवाल पूछे बिना,
'क्या आज रात मेरे पीछे चलने वाला आदमी मेरी गरिमा को चुराने वाला है?'
अपने शरीर को ढकें, अपनी अखंडता को बचाएं,
अपने आप को रात में बाहर मत करो,
कभी शिकायत न करो कि तुम्हारा आदमी तुम्हारा श्रेष्ठ है,
और तुम शाम और दिन के उजाले में उसके गुलाम हो।
हमें महिलाओं पर दबाव क्यों डालना है?
इसके बजाय आप पुरुषों को नियंत्रण में क्यों नहीं रख सकते?
महिलाओं को आत्मरक्षा क्यों सीखनी है?
लेकिन पुरुष आत्म नियंत्रण नहीं सीख सकते हैं?