Mihika Saraf
Action Inspirational
कलम पर प्रहार हो रहा है,
सच्चाई बताने वालो पे वार हो रहा है,
बचाने इस सच्चाई की जुबान को
उस कलम की पहचान को,
नई पीढ़ी का क्रांत तैयार हो रहा ...
लिखा
अंतहीन प्यार
फिल्म
अब आज्ञा पर न...
खोजा
गुलाम थी
कलम पर प्रहार
न्याय और तमाश...
क्षण
दुनिया शब्दों...
जिस तरह भी सजा लो हमें एक न एक दिन तो हमें टूट जाना होता है जिस तरह भी सजा लो हमें एक न एक दिन तो हमें टूट जाना होता है
उसके लिए भूगोल चाहे धरती का हो या स्त्री का एक ही उद्देश्य के निमित्त होता है। उसके लिए भूगोल चाहे धरती का हो या स्त्री का एक ही उद्देश्य के नि...
मानती हूँ थोड़ी पागल हूँ पर इतना अहसास जरूर है मानती हूँ थोड़ी पागल हूँ पर इतना अहसास जरूर है
मैं लोग को आदिशक्ति क्या होती है अहसास दिलाना है। मैं लोग को आदिशक्ति क्या होती है अहसास दिलाना है।
व्याधियां प्रदत्त सूक्ष्म जीवों से, मानव पर तो हैं ढा रहीं प्रलय। व्याधियां प्रदत्त सूक्ष्म जीवों से, मानव पर तो हैं ढा रहीं प्रलय।
यह कश्मीर तो ना देंगे हम वह कश्मीर भी ले लेंगे इस धरती मैया की खातिर जान भी अपनी दे दे यह कश्मीर तो ना देंगे हम वह कश्मीर भी ले लेंगे इस धरती मैया की खातिर जान भी अ...
मर्यादा मर रही प्रतिदिन अत्याचार, अन्याय, भय, भ्रष्टाचार पर्याय युवा बन रहा है मर्यादा मर रही प्रतिदिन अत्याचार, अन्याय, भय, भ्रष्टाचार पर्याय युवा बन रह...
जिंदगी में गांठ तू बांध लेना कि हिम्मत हौसला है तेरा गहना। जिंदगी में गांठ तू बांध लेना कि हिम्मत हौसला है तेरा गहना।
अब ऑनलाइन भी लड़कियों के लिए नए नियम बना रहे हैं। अब ऑनलाइन भी लड़कियों के लिए नए नियम बना रहे हैं।
जिसने नाम ना जपा, उसे है अफसोस, अंतिम सत्य रूप में, ले लेता आगोश। जिसने नाम ना जपा, उसे है अफसोस, अंतिम सत्य रूप में, ले लेता आगोश।
सशक्त है वो साकार भी है ये नारी है, जीवन का सार भी है ये। सशक्त है वो साकार भी है ये नारी है, जीवन का सार भी है ये।
सब को आँचल की छाया में बिठाकर, खुद सहती है धूप सब को आँचल की छाया में बिठाकर, खुद सहती है धूप
बीत जाते है शादी के ये चार दिन नेग चार, बन्ना बन्नी में बीत जाते है शादी के ये चार दिन नेग चार, बन्ना बन्नी में
चुप – चुप अम्मा मेरी रहती है लगता की सबसे वो रूठी है चुप – चुप अम्मा मेरी रहती है लगता की सबसे वो रूठी है
करो प्रकाश, सूर्य अम्बर पर आओ, छटे दुःख के बादल, हर्ष को बरसाओ करो प्रकाश, सूर्य अम्बर पर आओ, छटे दुःख के बादल, हर्ष को बरसाओ
कुछ हक़ तो उसका भी था जिसने हमदम हमसफर बन सात जन्मो के लिए साथ निभाने का वचन दिया, कुछ हक़ तो उसका भी था जिसने हमदम हमसफर बन सात जन्मो के लिए साथ निभाने का वचन दिया...
कौन है वहां कौन है वहां मैं बोल रहा लेकिन अंधियारों में ना कोई बोल रहा कौन है वहां कौन है वहां मैं बोल रहा लेकिन अंधियारों में ना कोई बोल रहा
वो नहीं जानते थे की उनकी खुले आम दिन दहाड़े नीलामी होगी वो नहीं जानते थे की उनकी खुले आम दिन दहाड़े नीलामी होगी
छोड़ दे कान्हा बस एक बार कैसे छोड़ दूँ तुझे मैं कंस मामा छोड़ दे कान्हा बस एक बार कैसे छोड़ दूँ तुझे मैं कंस मामा
प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे ह...