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Mihika Saraf

Tragedy

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Mihika Saraf

Tragedy

न्याय और तमाशा

न्याय और तमाशा

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ये समाज तमाशा देखता रह जयेगा,

औरतों की अवाज़ दबाई जायेगी,

शर्मो समाज के पैरो तले,

अपने उड़ान भरने वाले पंख पिसवा दी जायेंगी,

मनीषा वाल्मीकि, और इंकी जैसी ही हज़ारो स्त्रियो को,

ये भारत न्याय न दे पाएगा।


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