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Bhavna Thaker

Romance

4.8  

Bhavna Thaker

Romance

गठबंधन तेरी यादों से

गठबंधन तेरी यादों से

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मेरी नींद के फेरे


तेरी यादों से हुए


गठबंधन तेरे वादों से हुए


रात के हर पहर


मनाते सुहागरात बीते


याद तेरी हौले से आए


मेरी पलकों के घुँघट उठाए


लबों पर ठहरे तेरे नग्में गुनगुनाएँ


हर करवट पे आगोश लिए जाए


मेरे दिल पे सलवटें किए जाए


मैं आँखें मूँदे बहती जाऊँ


शब भर तू मुझे सताए


जुड़ा खोले कजरा घोलें


यादें तेरी मदीरा तोले


नैंनों की दहलीज़ पे बैठे


घूँट घूँट भर मुझे पीलाएँ


ये बँधन कैसा समझ ना आए


पास ना होकर भी


तू तेरा अहसास दिलाए


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