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Chhavi Srivastava

Abstract

4.5  

Chhavi Srivastava

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गरीबी

गरीबी

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एक लड़की थी, सुन्दर थी, सुशील थी,

हर काम में योग्य थी।

पर उसकी लाचारी यह थी की वह एक गरीब की बेटी थी,

इसीलिए वह कुंवारी थी।


बड़ी मुश्किल से मिला उसको एक वर,

लेकिन मांग उसकी और उसके परिवार की बहुत भारी थी,

बेटी से अपने बाबुल की बातें भी कहाँ छिपी थी,

इसीलिए वह उनसे भी न कुछ कह पाई थी।


दहेज़ की मारी बेटी चिर निंद्रा में अब चली गए थी,

मांग उसकी सजी थी,

चारों तरफ यही शोर था कि सुहागन ही तो मरी थी,

सन्नाटा था तो सिर्फ बाबुल में था जिस घर की वह बेटी थी।


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