गलती
गलती
वैसे, जितने भी हिस्से हो सकते थे
इस धरती के,
हुए !!
वैसे, बहुत से कोने खाली हैं अभी
दुनिया के,
अनछुए !!
चाहो तो..बना सकते हो वहां
अपनी दुनिया,
सुनो..
गलत पते पर रह रहे थे तुम अब तक,
अभी भी वक्त है
सुधारी जा सकती है
"गलती" !!
