आईना पास होकर भी, खुद को ही भूल रही है, ये जिंदगी। आईना पास होकर भी, खुद को ही भूल रही है, ये जिंदगी।
बूँदों की प्रतीक्षा का अंतिम दिन नखलिस्तान सा लगे है बूँदों की प्रतीक्षा का अंतिम दिन नखलिस्तान सा लगे है
वैसे, बहुत से कोने खाली हैं अभी दुनिया के, अनछुए वैसे, बहुत से कोने खाली हैं अभी दुनिया के, अनछुए
चेहरे पर मुस्कुराहट का मुखौटा लगाए हर कंधा अपनी शक्ति से ऊपर कुछ बोझ उठा रहा है चेहरे पर मुस्कुराहट का मुखौटा लगाए हर कंधा अपनी शक्ति से ऊपर कुछ बोझ उठा...