गजल
गजल
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(1)
उषा के किरण में ख़ुमारी मिलेगी
निशा के सतह में बेक़रारी मिलेगी।।
(2)
तुम्हारे बिना ज़िन्दगी है क़यामत
कहाँ अब इनायत तुम्हारी मिलेगी।।
(3)
बता दो ज़रा तुम खिलाड़ी नए हो
बिछा दो शतरंज जुआरी मिलेगी।।
(4)
सजाया भवन फूल से प्रभु तुम्हारे
न ऐसी कहीं भी पुजारी मिलेगी।
(5)
मिला है हमारे किए की सजा सवि
सहेंगे अगर साथ तुम्हारी मिलेगी।।