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Kusum Joshi

Abstract

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Kusum Joshi

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गजानन

गजानन

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तुम भालचंद्र तुम एकदंत,

तुम लंबोदर हेरम्ब प्रभु,

तुम प्रथमेश्वर मूषक वाहन,

ना करो तनिक विलंब प्रभु,


तुम सिद्ध विनायक पूरण कर दो,

मानव जीवन के सब काज,

जग की सारी विपदा हर लो,

विघ्नहरण हे बुद्धिनाथ,


हो प्रमोद के ईश्वर तुम,

मन को आनंद प्रदान करो,

अविघ्नकारी तुम हो स्वामी,

जग की सारी पीर हरो,


शुभगुनकानन शशिवर्णम,

तुम देवव्रता दूर्जा भी हो,

देवांतकनाशी हो प्रभु तुम,

जग से अन्याय का अंत करो,


हे रुद्रप्रिय हे ओमकार,

हर घर में वास तुम्हारा हो,

हे पीताम्बर हे गणाधीश,

तुम ही तो एक सहारा हो,


हे अलम्पता हे निदिश्वरम,

मंगलमूर्ति अवनीश प्रभु,

तेरे दर पर खड़े आज हम,

दे दो बुद्धि बुद्धिश प्रभु।



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