घोंसला
घोंसला
लो फिर आ गयी वो
नीली छोटी चिड़ियां
तिनका तिनका जोड़ कर
लग गयी बुनने अपना घोंसला
अरमानों के इस घोंसले को
देखा जब जाकर पास से
दो छोटे छोटे नन्हे बच्चे
देख रहे थे बड़ी आस से
चिड़ियां गयी थी दाने लाने
कुछ आहट को सुन कर
नन्ही आँखों से
ढूंढने लगे माँ की बांहें
मैंने थोड़ा सा दाना डाल दिया
छुप देख रही थी ओट से
हलचल उनकी हरकत उनकी
ख़ुशी डर मिश्रित प्यारी प्यारी
मीठी मधुर मधुर आवाज़ आयी
मानो वे कह रहे मुझसे
एक माँ ने माँ को पहचान लिया
दाने देकर तुम भी अब तो
मेरी माँ सी लगती हो मुझको
दो दो माँ पाकर अब तो मैं भी
उड़ पाऊंगी आकाश में
नित नए उड़ान से अब मैं भी तो
भर लूंगा मुठ्ठी में आकाश को
अहसास हुआ मुझको भी अब
आँखों की भाषा है अद्भुत
बिन बोले सब कह जाती है
ईश्वर ने दिया अनोखा उपहार
हर माँ को जो
पढ़ लेती बच्चों की आंखें को
सुन लेती है वो सब भी
जो कह न पाते बच्चे उनके..
