घमंड
घमंड
घमंड कितना भी
हो प्रचंड।
धन का,
सुंदरता का,
विचारों का,
व्यवहारों का,
सब दहन हो
जाता है।
घमंड कोई भी,
करते ही,
टूट जाता है।
घमंड कितना भी,
प्रचंड हो।
शक्ति का हो,
भक्ति का हो,
ज्ञान का हो,
विज्ञान का हो।
सब रेत -सा,
धराशायी,
हो जाता है।
घमंड कितना भी,
प्रचंड हो।
हर जिंदगी में,
चढ़ते ही,
उतर जाता है।
