गौरवमय जीवन हो
गौरवमय जीवन हो
गौरवमय जीवन हो
मन में उत्साह भरा हो,
कर्म करने में निष्ठा हो,
सहज भाव से कर्म हो,
सुख दुख सब सम हो।
हम अपने को उत्कृष्ट बनाएं
अपने परिवेश को उत्कृष्ट बनाएँ,
अपने पुरातन गौरव का ध्यान करें
अपने को उसके योग्य बनायें,
उसी का है जीवन सार्थक सुंदर,
जिसने देश का मान बढ़ाया,
और देश को प्रगति पथ पर,
सच्चे सपूत बन आगे बढ़ाया ।
