न बहे धरती की आँखों से धार ये जीवन जितनी बार मिले। न बहे धरती की आँखों से धार ये जीवन जितनी बार मिले।
उचाँइयों के शिखर तक पहुँचाते हैं, शिक्षक योग्य और उज्ज्वल भविष्य बनाते हैं, शिक्षक। उचाँइयों के शिखर तक पहुँचाते हैं, शिक्षक योग्य और उज्ज्वल भविष्य बनाते हैं, श...
हम अपने को उत्कृष्ट बनाएं अपने परिवेश को उत्कृष्ट बनाएँ, हम अपने को उत्कृष्ट बनाएं अपने परिवेश को उत्कृष्ट बनाएँ,
तेरी शरण में इसलिए आई हूं बचा लोगे तो क्या होगा।। तेरी शरण में इसलिए आई हूं बचा लोगे तो क्या होगा।।
किसी से भी टक्कराने की साहस करेगी जब उसे पंछी की भांति उड़ने देगी किसी से भी टक्कराने की साहस करेगी जब उसे पंछी की भांति उड़ने देगी
होते अगर नहीं अध्यापक मिटता नहीं मन का अंधियारा। होते अगर नहीं अध्यापक मिटता नहीं मन का अंधियारा।