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Kavi Devesh Dwivedi 'Devesh' (कवि देवेश द्विवेदी 'देवेश')

Children

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Kavi Devesh Dwivedi 'Devesh' (कवि देवेश द्विवेदी 'देवेश')

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गौरैया

गौरैया

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चहक-चहक सबके मन को चहकाती गौरैया,

फुदक-फुदक बिखरे दानों को खाती गौरैया,


पानी बर्तन में भरा देख नहाती गौरैया,

कभी कभी तो पास बहुत आ जाती गौरैया,


कभी इधर तो कभी उधर इठलाती गौरैया,

रोज़ सुबह घर के आंगन में आती गौरैया,


चीं-चीं,चूं-चूं का मधुर गीत है गाती गौरैया,

इसीलिए तो सबके मन को भाती गौरैया।


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