गौरैया
गौरैया
चहक-चहक सबके मन को चहकाती गौरैया,
फुदक-फुदक बिखरे दानों को खाती गौरैया,
पानी बर्तन में भरा देख नहाती गौरैया,
कभी कभी तो पास बहुत आ जाती गौरैया,
कभी इधर तो कभी उधर इठलाती गौरैया,
रोज़ सुबह घर के आंगन में आती गौरैया,
चीं-चीं,चूं-चूं का मधुर गीत है गाती गौरैया,
इसीलिए तो सबके मन को भाती गौरैया।
