गांधी तेरे देश में
गांधी तेरे देश में


गांधी तेरे देश में,
नेताओं के भेष में,
लुटेरे परिवेश से,
चोर है बैठे देखो सदनों के बीच में,
बापू तेरे देश में
बाबाओं के भेष में,
अपराधी परिवेश से,
पापी है बैठे देखो मन्दिरों के बीच में
ओ......बापू ओ......
हर एक यहां कुछ ना कुछ
बैठा देख रहा तमाशा है,
कोई भीष्म बना है,
कोई धृतराष्ट्र बैठा है, बनकर
कोई गांधारी, कोई भीम बना बैठा है,
अर्जुन का गांडीव भी मोन आज पड़ा है,
कोई द्रोण,तो कोई मोन बना बैठा है,
अब कोई कृष्ण भी ना आने वाले,
द्रौपदी की लुटती हुई आबरू बचाने वाले,
कोई कहेता तेरा जदा, कहेता कोई तेरा
एक दूजे पे लगा आरोप करते राजनीति देश में।