गाँधी जी को गढ़ना होगा
गाँधी जी को गढ़ना होगा
सत्य अहिंसा के थे पुजारी
लाठी पकड़े सीधी चाल
बिन क्रांति गाँधी जी ने
गोरों को कर दिया बेहाल..
तन भक्ति का चोला ओढ़े
सत्य सदा अपनाये थे
ताना बाना चरखे का ले
गांधी जी यहां आए थे..
सरल रहें खादी पहने वो
राष्ट्रपिता बापू कहलाये
अंग्रेज़ी-शूल बीच हिंद में
गाँधी जी ने फूल खिलाये..
आज़ादी के दीप थे गाँधी
रही फकीरी इनकी काया
बिन शस्त्र आज़ादी दिलाई
अद्भुत मति की अद्भुत माया..
धोती पहने सरपट चलते
वक़ालत में भी इनका नाम
सादा जीवन उच्च विचार
कहे रघुपति राघव राजा राम..
गाँधी के अथक प्रयासों से
हमें ज़ुल्म से मिला अमन
ग़ुलामी की बेड़ियाँ भी टूटी
गांधी-सोच को सदा नमन..
आतंक तभी रुक पाएगा
पाठ प्रेम का पढ़ना होगा
आदर्शों को अपनाना होगा
गांधी जी को गढ़ना होगा..