वतन
वतन
वतन की रक्षा मैं तेरा शूरवीर घायल हो गया मां
इस वतन का ध्वज मैं जब लिपटा देख अपना ही बेटे को माँ का भी बुरा हाल हो गया
पिता की आंख में आंसू देखे पहली बर
सबकी अंखिया नाम सी थी पर मान में गर्व था
जिस उमर में बच्चों को बड़ा होता देखते हैं मां बाप
उस उमर में ध्वज में लिपटा देख उन्होंने आज
कौन कहता है ध्वज में चार रंग होते है उन लोगों ने देखे हजार रंग थे आज
अपना बेटे का जुनून का रंग
खून का रंग वतन के सामना का रंग
माँ बाप के लिया प्यार का रंग
भाई के लिया दोस्त का रंग
बहन के लिया राखी का रंग
बच्चों के भविष्य का रंग पत्नी के लाल सिंदूर का रंग
वतन की शान का रंग
हम सबकी रक्षा का रंग
वतन की रक्षा मैं देश का शूरवीर घायल हो गया
वतन की रक्षा मैं देश का शूरवीर घायल हो गया।
