जय श्री गणेश।
जय श्री गणेश।
शिव गौरी पुत्र नाम श्री गणेश है।
प्रथम पूजनीय प्रातः वंदनीय उनका नाम लेते ही मिटते सभी क्लेश है।
उनको लगते हैं मोदक प्यारे
गणेश चतुर्थी पर मूषक पर चढ़कर गणपति बप्पा घर में हैं पधारे।
अंधन को देते आंख ,पुत्र बांझन को।
मनोकामना करते हैं पूरी,
ध्यायो तुम जो उनको।
गौरी सुत शिव शंकर के प्यारे
रिद्धि सिद्धि संग घर आओ हमारे।
शुभ लाभ को भी साथ में लाना।
सारे संसार पर अपनी कृपा बरसाना।
दीपावली पर लक्ष्मी माता के साथ विराजो।
जगमग जलते दीप तुम्हारा मंदिर है साजो।
हे विघ्नहर्ता सबके विघ्न दूर तुम करना।
मनोवांछित फल पाए जो आए तेरी शरणा।
