फ़ागुन मास
फ़ागुन मास
दिख रहा उल्लास तो
आया हैं फ़ागुन मास क्या
गा रहे सब फाग तो
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
अधरों पर मुस्कान नई हैं
शज़रो पर भी पात नई हैं
छाया बासंती आसमान पे
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
मन हर्षित आंनद विभोऱ
चिड़ियों में कोलाहल जोर
बदलता रूप ज़मीं का तो
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
बैजयंति से पिला पिला
आसमां है नीला नीला
सूरज का भी रूप सुहाना
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
ठिठुराई का मौसम ढ़ीला
सूरज हुआ तेज़ का किला
छुपी बसन्ती घर से निकली
आया फ़ागुन मास क्या ?
घर घर शोर उठ रहा नया
चित्त आनन्द सज रहा नया
बदन में फुर्ती नई नई
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
तिमिर शरद का सिमट गया
ऋतु बसंत जब अगन हुआ
खेतों में दिखते छौनों से
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?
भौंरे तितली फूलों पर
बच्चे दिखते झूलों पर
तन से कम्बल जुदा हुआ
आया हैं फ़ागुन मास क्या ?