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SHUBHANGI SHINDE

Abstract

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SHUBHANGI SHINDE

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दिल तो बच्चा है जी...

दिल तो बच्चा है जी...

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ये तितली की तरहा उडना चाहता है

सुरज की रोशनी सा चमकना चाहता है

हवाॅं से भी तेज दौडना चाहता है


बादलो को चीर के उॅंचाई मे मुकाम बनाना चाहता है

फिर भी अपनों के साथ जीना चाहता है

हा ये दिल बच्चा है


मासूम है मोहब्बत का मारा है

ये सिर्फ प्यार समझता है

दिमाग की शातीर बाते नहीं समझता

बस मन मैं बसे प्यार भरे जज्बात समझता हैं


दर्द में मुस्कुराना समझता है

अपनों के साथ अपनेपनसे जीना समझता है

हाँ ये दिल बच्चा है।


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