यादें...
यादें...
यादोंका क्या है याद आती ही हैं
गम हो या खुशी यादें आती हैं
कुछ यादों से पलके नम होती हैं
यादें बुरी हो तो गम में
यादें अच्छी हो तो खुशी से
बचपन की यादें भी बहुत खास होती हैं
मासुम सा फीर बच्चा बन जाने को कहती हैं
बचपन के वो शरारती दिन लौट आने को कहती हैं
दोस्ताने वाली यादें भी बडी दिलचस्प होती हैं
दोस्ती का हर एक पल दिल को सुकून दे जाती हैं
तक्रार में अपनी गलतीयाॅं भी समज आती हैं
अभी देर नहीं हुई हैं ये बतला जाती हैं
जिंदगी की हर मोड़ पर यादों का बसेरा हैं
कुछ यादें खट्टी हैं, कुछ यादें नमकीन हैं,
कुछ यादें तिखी हैं, कुछ यादें कडवी हैं,
कुछ यादें शहद से भी मीठी हैं
यादों का क्या है यादें तो याद आती ही हैं।
