चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
आखिर मैं चूम लिया सतह को तेरी
मैं इंसान हूं नहीं हारना फितरत मेरी
गलतियों को सुधार कर दौड़ता हूं मैं
और कभी पीछे नहीं मुड़ता हूं मैं
हौसला हिम्मत ईमान और ज्ञान हूं मैं
महज़ एक यंत्र नही, जमी का जान हूं मैं
चंद्रयान हूं मैं, मुकम्मल हिंदुस्तान हूं मैं।