एकता की धारा
एकता की धारा


रख डाली है लाज देश की
आज एक, पगड़ी वाले ने
बचा लिया है ताज देश का
आज एक, हिम्मत वाले ने,
एकता की धारा बहा दी
हटा कर 370-की धारा
कर दिया है साबित ये
के चप्पा-चप्पा है हमारा,
हिम्मत है तो दिखा लेकर
एक भी किरण उजाले से
छिन कर तो जरा दिखा दे
काह्वा तू एक चाय वाले से,
भारत-माँ के लाल है हम
नहीं, देश भक्ति में कच्चे हैं
मंत्री है शेर जैसा हमारा
और, हम शेरनी के बच्चे हैं,
बार-बार तूने हम पर है
खंजर से प्रहार किया, पर
हमने भी, बक्श कर तुझे
बार-बार उपकार किया,
आखिर अब तो अंत हुआ
बँटवारे की कुप्रथा का
केसर की घाटी से अब
मिट गया किस्सा व्यथा का,
जब-जब किसी गैर देश ने
बुरी नजर है हम पर डाली
तब-तब उसको दे कर मात
उसकी निगाहें हैं नोच डाली,
खाते हैं जो नमक देश का
जो, गद्दारी देश से करते हैं
एक समय आने पर लोग
उस पर थू-थू करते हैं,
ढेरों बधाई देशवासियों को
मोदी-शाह जी को है बधाई
सत्तर साल परीक्षा सबकी
आखिरकार सफलता लाई,
आज़ादी के इस मास पर
फिर गुलशन आबाद हुआ
कश्मीर का पँछी मानो
पिंजरे से आज़ाद हुआ।