एकांत
एकांत
जीवन को जीवन से जोडते हुए
एक मशाल जलाते हैं।
कोई अकेला नहीं इस उपवन में
सभी के नाम का दीया जलाते हैं।
राहें बहुत होती है मुड़ने के लिए
कुछ तो रास आ ही जाती है।
तलाश करते करते तौर तरीकों की
परछाई अपनी भी काम आ ही जाती है ।
एकांत के हर क्षण को बेहतर बनाते हैं
मौन की भाषा को बलवान बनाते हैं
नाज करते हैं हम खुद पर
अकेले ही खुशियाँ मनाते हैं।