Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Samreen Sheikh

Romance

2  

Samreen Sheikh

Romance

एक ज़माने में उसकी जान रहा हूँ

एक ज़माने में उसकी जान रहा हूँ

1 min
98


उनकी फितरत से अनजान रहा हूँ मैं

क्या बताऊँ कब और कैसे परेशान

रहा हूँ मैं


उन्हें तो हमसे अब मानो जैसे फ़र्क़ ही

नहीं पड़ता

उनके लिए मानो सर्दी ज़ुखाम रहा हूँ मैं


अब वो मुझसे ज़्यादा गैरों पर मरने लगा है

उसके लिए मानो कब्रिस्तान रहा हूँ मैं


वो देखकर मुझे राह बदलने लगे है साथी

एक ज़माने में उस कम्बख्त की जान

रहा हूँ मैं


मुझे देखकर अब उन्हें उनकी बेवफ़ाई

याद आती है अचानक उनकी हँसी

कहीं खो जाती है


क्या बताऊँ कभी उसके होठों की मुस्कान

रहा हूँ मैं

हाँ ये सच है एक ज़माने में उसकी जान

रहा हूँ मैं !



विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

Similar hindi poem from Romance