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Unnati Gupta

Romance

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Unnati Gupta

Romance

एक सुकून भरा पन्ना

एक सुकून भरा पन्ना

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जीवन रहा पल पल संघर्ष

और संघर्षों के घर्षण के बीच

तुम्हें देख लेना पल भर के लिए भी

सुकून ...हाँ आज भी सुकून देता है


बड़ी क्षणिक रहती हैं ख़ुशियाँ

हाँ ख़ुशियाँ आयी थी एक बार

और जब रूठने लग जाती हैं

तुम्हारा हाथ थामना याद आता है


हाँ मुझे याद आ रहा है

तुम्हारा हाथ थामना

वो झील के किनारे

तुमसे आखिरी बार मिलना

वो आखिरी भेंट भी

मुझे हिम्मत दे जाती है

प्यारी सी मुस्कान तेरी

भरी दोपहरी शीतलहरी चलाती है


सब ठीक होगा ...हाँ ठीक होगा

कभी तो ठीक होगा, कई बार सोचा करती हूँ

इस बीच एक झलक भी तुम्हें देख पाती हूँ

तो हाँ सुकून मिलता है ...


कभी सोचती हूँ बता दूँ ,

कभी सोचती हूँ चुप रहूँ

कभी फिर तुम्हारी इतराते हुए

अन्दाज़ में अपने बालों से खेलना

देखते ही खुश हो जाती हूँ,

सोचती हूँ फिर मैं बस तुम्हें सुनू

कुछ कहने की मुझे ज़रूरत नहीं

तुम्हारी आवाज़ ही सुकू दे जाती है


हाँ मृगतृष्णा है यह जीवन और बड़ा अजीब है

तुमसे बड़ा मेरे लिए आज भी कोई सच नहीं है

मेरे जीवन की किताब का वो प्यारा पन्ना हो

जो दर्द में भी अजीब सा सुकू देता है

तुम्हें याद करती हुई अब तक अकेली टूटी



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