A reader of readers
हाँ चंचल था मन बड़ा, भाग गया गठबंधन से किस पर आकर कब रुकेगा, ये तय होगा भावनाओं के पैमाने से हाँ चंचल था मन बड़ा, भाग गया गठबंधन से किस पर आकर कब रुकेगा, ये तय होगा भावनाओ...
सब ठीक होगा ...हाँ ठीक होगा कभी तो ठीक होगा, कई बार सोचा करती हूँ इस बीच एक झलक भी तुम्हें देख पात... सब ठीक होगा ...हाँ ठीक होगा कभी तो ठीक होगा, कई बार सोचा करती हूँ इस बीच एक झल...
होठों पे जो मुस्कान होगी, सौ आने असली होगी। रीति रिवाजों के आगे भी, एक छोटा सा खुद का कोना होगा। होठों पे जो मुस्कान होगी, सौ आने असली होगी। रीति रिवाजों के आगे भी, एक छोटा सा...