एक सत्य
एक सत्य
हर पल जीवन का, कुछ सीखाता है
सत्य, वास्तविकता के समीप लाता है ।
कैसे जीना है, मानव को जीवन
कहां से हटाकर कहां लगाना है मन ।
किस पथ चलकर, प्रकाश पाना है
किस कर्म को लेकर, अज्ञान मिटाना है।
गिरे, राह में कभी, संभलना है
हर कठिनाई पारकर, आगे निकलना है।
दुःख तो है जीवन में पर,
रात की ही गोद में है दिनकर ।
उठ खड़ा, खोज ले उजाले
वीर कहां होते, हार मानने वाले ।
तैरकर भवसागर, जो पार जाएगा
वही, सच्चे अर्थों में मनुष्य कहलाएगा।