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Abhishek Singh

Classics

2  

Abhishek Singh

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एक समोसे की यारी

एक समोसे की यारी

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वो पहली मुलाक़ात थी,

जब समोसे से शुरू बात थी।


वो स्कूल का दिन था,

जब सावन का मौसम था।


एक समोसे के पीछे,

मैं उसका साधन था।


जब चाहे तब,

प्रॉक्सी का माध्यम था।


वो पहली मुलाक़ात थी

वो पहली मुलाक़ात थी।


यारों की बात थी

यारों की बात थी।


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