एक शाम...
एक शाम...
चलो आज हिसाब कर ही दो,
जो एक शाम उधार थी वो आज देदो।
लिपटी है यादें फिर से दिलों- दिमाग पर,
जो एक तस्वीर उधार थी वो आज लेने दो ।
कहते है महोब्बत में मिलना जरूरी है,
जो एक मुलाकात उधार थी वो आज देदो ।
सांसें मानो थम सी गई मिलन की आश में,
बस, एक धड़कन उधार थी वो आज देदो।

